कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को, चंद्रग्रहण के साथ बन रहा यह शुभ योग


सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में होगा कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिंदू धर्म में पूर्णिमा महत्वपूर्ण स्थान रखती है प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।

इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है। आगामी 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है। इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी। इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।
कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था और मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी। राक्षस त्रिपुरासुर का संघार किया था। त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने मनाई थी इस दिन देव दीपावली, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्मदिन के साथ ही इस दिन तुलसी का अवतरण कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।

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