केजरीवाल सरकार ने घर-घर राशन वितरण योजना का किया बचाव, विरोध को बताया गलत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी घर-घर राशन वितरण योजना का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह गलत है कि लागू होने से उचित मूल्य की दुकानें बंद हो जाएंगी। दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि यह एक वैकल्पिक योजना है और लाभार्थी चाहें तो वे कभी भी इससे बाहर हो सकते हैं। इसके ही कोई भी लाभार्थी ने इस योजना के कार्यान्वयन के तरीके पर सवाल नहीं उठाया है।
वही, जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि प्रमुख मुद्दा यह है कि योजना के क्रियान्वयन के साथ उचित मूल्य की दुकानों (FPS) को व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। बेंच ने कहा कि केंद्र का कहना है कि FPS राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का एक अभिन्न अंग है, इसलिए आप इसे खत्म नहीं कर सकते। केजरीवाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक गलत धारणा है कि राज्य FPS को खत्म करना चाहता है।
इसके अलावा, सिंघवी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, हर चीज की होम डिलीवरी हुई है, चाहे वह कोविड उत्पन्न हो या गैर – कोविड उत्पन्न हो। यह धारणा पूरी तरह से गलत है या गलत तरीके से निहित है कि FPS अस्तित्व में है। यह डोरस्टेप डिलीवरी एक वैकल्पिक योजना है और लाभार्थी कभी भी इससे बाहर आ सकते हैं। सिंघवी ने तर्क दिया कि यह किसी और द्वारा स्थापित छद्म मुकदमेबाजी के अलावा और कुछ नहीं है, जो याचिकाकर्ता नहीं है।