जानिए किन बच्चों को कोरोना संक्रमण होने का ज्यादा खतरा है
देश दुनिया में अभी इस बात पर संशय बरकरार है कि तीसरी लहर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। बच्चों के इस लेकर बहुत से शोध किया गया है। आखिर किन बच्चों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है।आज हम बच्चों पर हुए शोधों से जुड़े बातों को आपको बताएंगे कि किन बच्चों को संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है तो आइए जानते हैं.
डिप्रेशन में रहने वाले बच्चों पर ज्यादा ख़तरा
बच्चों पर हुए शोधों से यह पता चला है कि सबसे ज्यादा संक्रमित होने का खतरा उन बच्चों में है जो डिप्रेशन में रहते हैं। डिप्रेशन में रहने वाले बच्चें भी वयस्कों के जैसा ही खतरा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वयस्कों की तरह बच्चों में भी अवसाद यानी डिप्रेशन संभव है। 19 साल के होने से पहले हर चार बच्चों में से एक बच्चे को डिप्रेशन होता है। डिप्रेशन होना वयस्कों में जितना सामान्य है, उतना ही बच्चों में भी।
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जानकारी के मुताबिक, जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि डरे हुए और डिप्रेशन से ग्रसित बच्चों में आम बच्चों की तुलना में ज्यादा डर है।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में इस शोध को छापा भी गया है और बताया गया है कि संक्रमण बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। शोधकर्ता कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एमडी एनाबेले डी सेंट मौरिस ने बताया कि बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और उनकी बीमारी के गंभीर होने को लेकर यह शोध किया गया।
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इसके साथ ही शोध करने का मतलब ये जानना था कि किन बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की ज्यादा आशंका है। अध्ययनों में पाया गया कि बच्चों में गंभीर कोरोना के जोखिम का कारक कम उम्र यानी 1 से कम या पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियों जैसे, अस्थमा, मधुमेह, जन्मजात हृदय रोग, मोटापा, या तंत्रिका संबंधी स्थिति हैं। इन बीमारियों से ग्रस्त बच्चों में कोरोना का खतरा ज्यादा है।