विश्व ह्रदय दिवस पर जानते हैं इस कोरोना काल में कैसे रखें अपने दिल का ख़याल
कोरोना शरीर के कई अंगों के साथ-साथ ह्दय को भी कई तरह से प्रभावित कर रहा है। यहीं कारण है कि कोरोना से कुल मौतों में हार्ट अटैक की संख्या सबसे ज्यादा हो रही है। पीएमसीएच के मेडिसिन रोग विभाग अध्यक्ष व कोविड सेंटर के नोडल प्रभारी डॉ यूके ओझा ने कहा कि कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़े व ह्दय को प्रभावित कर रहा है।
यह वायरस उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को हल्के या मध्यम तरीके से प्रभावित कर रहा है। इससे हृदय रोगियों को अधिक गंभीर जटिलताओं के चलते खतरा बढ़ जाता है,जिसके चलते दिल में इंफेक्शन के खतरे के साथ ही हार्ट फेल होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
शरीर में ऑक्सीजन स्तर की करें नियमित जांच
ह्रदय रोगी अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम नहीं होने दें। मधुमेह व दिल के रोगियों को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब चर्बी रक्त धमनियों में जमा होकर रूकावट पैदा करती है। इससे रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है। कोरोना होने पर नसें अवरूद्ध होने लगती है। इससे भी ऑक्सीजन का स्तर तेजी से कम होने लगता है। गंभीर होने पर मरीज की जान चली जाती है। ऐसे में जरूरी है कि सामान्य ह्दय रोगी शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जांच नियमित रूप से करते रहें।
ये सारे लक्षण दिखने पर तुरंत ना करे लापरवाही
ह्दय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन्हें स्वास्थ्य से संबंधित अचानक होने वाले बदलावों के बारे में भी पता होना चाहिए। सर्दी, खांसी, सिरदर्द या बुखार के अलावा कुछ ऐसे संकेत हैं, जो हल्के में नहीं लिए जाने चाहिए,
- सांस लेने में कठिनाई
- छाती में लगातार दर्द या दबाव
- भ्रम या भटकाव
- नीले होंठ या चेहरा
कैसे रखें ह्रदय रोगों को खुद से दूर
नियमित व्यायाम करें
- वसा युक्त खाने से परहेज करें
- तनाव ज्यादा नहीं लें
- खाने में हरी सब्जी व ताजे फल का प्रयोग करें
- फाइबर युक्त खाना खाएं
- फास्ट या जंक फूड का सेवन नहीं करें
बीमार लोगों को कोरोना से बचने की कोशिश करनी चाहिए। ह्दय रोगी पहले से ऑक्सीजन की कमी से ग्रसित होते है। कोरोना होने पर यह डबल अटैक की तरह होता है। ऐसे में बेवजह बाहर नहीं निकले, मास्क का प्रयोग करें, शारीरिक दूरी का पालन करें।
-डॉ यूके ओझा, मेडिसिन विभाग अध्यक्ष व कोविड नोडल प्रभारी, पीए़मसीएच।