जनता के नेता….अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर जानें कैसा रहा उनका राजनीतिक सफ़र

 जनता के नेता….अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर जानें कैसा रहा उनका राजनीतिक सफ़र
Atal Bihari Vajpayee government lose by 1 vote in 1999 Know why | 1999 में  अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार वह 1 वोट क्‍यों नहीं हासिल कर पाई? राज से उठा  पर्दा । Hindi News, देश

जनता के बीच प्रसिद्द अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने।

MEA to commence Atal Bihari Vajpayee Memorial annual lecture on his 96th  birthday

राजनीति में 4 दशकों तक रहे सक्रीय

Nation remembers former PM Atal Bihari Vajpayee on his birth anniversary

वरिष्ठ सांसद श्री वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा (लोगों का सदन) में नौ बार और राज्य सभा (राज्यों की सभा) में दो बार चुने गए जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान है।

भारत की घरेलू व विदेश नीति में भी अहम भूमिका

Atal Bihari Vajpayee timeline: A life re-examined | Deccan Herald

भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।

आज भी लोग उनके द्वारा लिखी व बोली जाने वाली प्रसिद्द कविता का स्मरण लरते हैं…जो इस प्रकार है:-

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी

अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी

हार नहीं मानूंगा,रार नहीं ठानूंगा

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ

गीत नया गाता हूँ…

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