एलजेपी नेता अनिल कुमार उरांव की अपराधियों ने फिरौती लेने के बाद हत्या कर दी
एलजेपी नेता अनिल कुमार उरांव की अपराधियों ने पूर्णिया में हत्या कर दी। तीन दिन पूर्व अपराधियों ने एलजेपी नेता को अपहरण कर उन्हें छोड़ने के फिरौती में 10 लाख की रकम मांगा गया था। अपराधियों के डर से एलजेपी नेता के परिजनों द्वारा फिरौती की रकम 10 लाख रूपये अपराधियों के बताये जगह भुटहा मोड़ पर पहुंचाई गई थी। लेकिन फिरौती की रकम दिये जाने के बाद भी एलजेपी नेता को अपराधियों ने हत्या कर दी।
उनके शव रविवार की सुबह केनगर थाने के अंतर्गत भुटहा मोड़ के नजदीक मिली। मौत की खबर मिलते ही लोगों की काफी भीड़ मौके वारदात पर जमा हो गई। घटना से आक्रोषित लोंगों ने शव को आरएन साव चौक पर रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर आक्रोषित लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है, और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इस मामले में लोगों से पूछताछ कर रही है।
एलजेपी नेता के परिजन ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों ने कहा कि सही समय पर पुलिस उन्हें ढूंढ़ लेती तो आज अनिल उरांव की हत्या नहीं होती। शनिवार को एलजेपी नेता अनील उरांव के समर्थक और उनके परिजनों ने मुख्य चौक चौराहों पर विरोध प्रदर्षन किया था। विरोध प्रदर्षन के बाद पुलिस प्रषासन द्वारा अनिल उरांव की 24 घंटे में बरादगी का आष्वासन दिया गया था।
अनिल उरांव की बहन ने कहा कि घर से गुरूवार के दिन दो बजे उनके छोटे भाई किसी से मिलने के लिए हाफ पैंट व
टीशर्ट में ही निकले थे। जिसके बाद वे घर पर देर शाम तक नहीं लौटे तो उनके मोबाइल पर पत्नी पिंकी कुमारी ने कॉल किया लेकिन फोन स्विच ऑफ था। परिजनों ने उन्हें खोजबीन की, लेकिन उनका पता नही चलने पर थाने में मामला दर्ज करवाया गया।
एक अनजान नंबर से दिन शुक्रवार की सुबह में उनके घर पर कॉल आया, जिसमें अनिल उरांव को छोड़ने के लिए दस लाख रूपए का इंतजाम करने को कहा गया। लेकिन उनकी रविवार की सुबह में शव मिलने से परिवार के लोग सन्न रह गये।
अनिल कुमार उरांव साल 2020 में वे बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर मनिहारी से चुनाव लड़े थे। लेकिन उन्हें जीत हासिल नही हुई थी। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।