Mahatama Gandhi Death Anniversary: जानिये उस दिन क्या – क्या हुआ था ?

 Mahatama Gandhi  Death Anniversary: जानिये उस दिन क्या – क्या हुआ था ?

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 73वीं पुण्यतिथि है| साल 1948 में आज ही के दिन महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी| यही कारण है कि 30 जनवरी यानी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है| इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कई सभाएं आयोजित की जाती है| साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के कई गणमान्य नागरिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए भी जाते हैं|

Mahatma Gandhi: A Lasting Legacy | Relevance of Gandhi | Articles on and by  Gandhi

महात्मा गांधी का नाम ना केवल भारतीय जनमानस में बल्कि पूरी दुनिया में स्थायी छाप की तरह मौजूद है| 13 जनवरी 1948 को उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाए रखने और साम्प्रदायिक उन्माद के खिलाफ कलकत्ता में आमरण अनशन शुरू किया था| ये उनके जीवन का आखिरी अनशन था|

Banned doctor alleges larger conspiracy in Mahatma Gandhi death

18 जनवरी 1948 को अपना अनशन खत्म करने के ठीक 11 दिन बाद 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई| अपनी हत्या से तीन दिन पहले ही गांधीजी दिल्ली में शांति लाने के उद्देश्य से महरौली स्थित कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी दरगाह गए थे| उस समय दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा में जल रही थी| दरगाह छोड़ने से पहले गांधीजी ने लोगों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए सांप्रदायिक सद्भाव और एकता का संदेश दिया था|

15 Inspiring Gandhi Quotes - Biography

हत्या वाले दिन क्या-क्या हुआ था
हत्या वाले दिन 30 जनवरी 1948 को हमेशा की तरह महात्मा गांधी तड़के साढ़े तीन बजे उठे थे| सुबह उठकर उन्होंने प्रार्थना की, दो घंटे काम किया और छह बजे फिर सोने चले गए|आठ बजे गांधीजी दोबारा उठे, सुबह की ताजा खबरें पढ़ी, ब्रजकृष्ण ने उनकी तेल से मालिश की, फिर गांधीजी नहाने चले गए|

Understanding Gandhi's 'love' for his 'spiritual wife'

नहाने के बाद उन्होंने बकरी का दूध, उबली सब्जियां, टमाटर और मूली खाई| साथ में संतरे का रस भी पिया| इसी समय पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में गांधीजी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे और विष्णु करकरे अब भी गहरी नींद में थे|

Mahatma Gandhi and sustainable science

धीरे-धीरे दिन ढल गया, शाम चार बजे के करीब वल्लभभाई पटेल अपनी बेटी के साथ गांधीजी से मिलने पहुंचे|शाम पांच बजे के बाद तक उनसे मंत्रणा करते रहे| उधर, सवा चार बजे के आसपास गोडसे और उसके साथियों ने कनॉट प्लेस के लिए एक तांगा किया| वहां से फिर उन्होंने दूसरा तांगा किया और बिरला हाउस से 200 गज पहले उतर गए|

Mahatma Gandhi and the language games

कैसे हुई महात्मा गांधी की हत्या
पांच बजकर दस मिनट पर पटेल और गांधीजी की बातचीत खत्म हुई. इसके बाद गांधी जी शौचालय गए और फिर फौरन ही प्रार्थना वाली जगह की ओर चल दिए| मौजूदगी से बेखबर महात्मा गांधी आभा (गांधी की प्रार्थना सभाओं में भजन गाती थीं) और मनु (महात्मा गांधी की दूर की रिश्तेदार) से बात करते हुए प्रार्थना स्थल की तरफ जा रहे थे| इसी दौरान बाईं तरफ से नाथूराम गोडसे गांधी जी तरफ झुका|

Gandhi Jayanti 2020: Prayer services, cultural events set to mark the  Mahatma's 151st birth anniversary today - India News , Firstpost

मनु को लगा कि वह गांधी के पैर छूने की कोशिश कर रहा है| आभा ने कहा कि उन्हें पहले ही देर हो चुकी है| इसी बीच गोडसे ने मनु को धक्का दिया जिससे उनके हाथ से माला और पुस्तक नीचे गिर गई|

Mahatma Gandhi - South Africa, Salt March & Assassination - Biography

मनु पुस्तक उठाने के लिए नीचे झुकीं तभी गोडसे ने पिस्टल निकाली और एक के बाद एक तीन गोलियां गांधीजी के सीने और पेट में उतार दीं| आभा ने गिरते हुए गांधी के सिर को अपने हाथों का सहारा दिया| महात्मा गांधी हमेशा-हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़कर चले गए|

संबंधित खबर -