अमेरिका द्वारा वैक्सिन निर्माण के 37 आइटमों की सप्लाई रोकने से भारत समेत कई देश प्रभावित होगें
गत् बीते हफ्ते कोविड वैक्सिन की करीब एक अरबवीं डोज तैयार की गई है। इससे साफ पता चलता है कि कोरोना वैक्सिन को बनाने की क्षमता में वृद्धि हुई है। आगामी 27 मई तक एनालिटिक्स फर्म एयरफिनिटी के मुताबिक एक अरब वैक्सीन डोज बना ली जाएगी। लेकिन इस दौरान अमेरिका द्वारा वैक्सीन निर्माण के लिए जरूरी कच्चेमाल एवं संबंधित आवष्यक उपकरणों के निर्यात पर रोक लगाने से वैक्सिन निर्माण में समस्या हो सकती है।
कोविड वैक्सीन के निर्माण हेतु 37 जरूरी आइटमों का निर्यात अगर नहीं करेगा तो भारत में एक महीने के अंतर्गत सोलह करोड़ कोविड वैक्सीन उत्पादन करने का लक्ष्य जल्द ही रूक सकता है। बीते सोलह अप्रैल को सीरम इंस्टीच्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ट्वीट कर कोविड वैक्सिन के कच्चे माल के निर्यात को लेकर रोक हटाने हटाने का आग्रह किया है।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने बताया कि आगमा 6 हफ्तों में वैक्सीन के कच्चे माल की कमी से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन और नोवावैक्स वैक्सीन का उत्पादन बंद हो जाएगा। अमेरिका द्वारा वैक्सीन के कच्चेमाल की सप्लाई रोके जाने से भारत के अलावा अन्य कई देषों के कोविड वैक्सिन के उत्पादन प्रभावित होगी।
अमेरिका द्वारा कोविड वैक्सीन के जरूरी उपकरणों एवं कच्चे माल के निर्यात बंद कर देने से यूरोपीय वैक्सीन कंपनियां प्रभावित होगी। वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स नेटवर्क के प्रमुख साई प्रसाद का कहना है कि पैंकेजिंग सामग्री, कच्चेमाल, व अन्य जरूरी उपकरणों के अस्त-व्यस्त होने से महीनो की देरी वैक्सिन की सप्लाई में हो सकती है। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।