वर्ष 2022 में किसानों के हित और रोजगार सृजन के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण कार्य, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि वर्ष 2022 में कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए। खरीफ मौसम में अनियमित मानसून के कारण उत्पन्न स्थिति में सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का हैं, की नीति के तहत किसानों को हरसंभव मदद का प्रयास किया गया। खरीफ मौसम, 2022 में अनियमित वर्षापात से को देखते हुए फसलों को आवश्यक सिंचाई के लिए किसानों को डीज़ल अनुदान 75 रूपया प्रति लीटर के अनुसार उपलब्ध कराया गया। राज्य के सभी 38 जिलों के 7,212 पंचायत के 10.02 लाख किसानों को 151.17 करोड़ रुपए राशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में अंतरित की गई।अनियमित वर्षापात के कारण किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के 14अत्याधिक प्रभावित जिलों के 3,31,259 किसानों को अल्प अवधि के 17,125 क्विंटल बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से खरीफ, 2022 में 5,20,410 किसानों को 95,231 क्विंटल उनकी पसंद का गुणवत्तायुक्त बीज ऑनलाइन आवेदन के अनुरूप उपलब्ध कराया गया, जिसमे 99,940 किसानों को 18,704 क्विंटल बीज होम डिलीवरी किया गया। इसी प्रकार, रबी मौसम में 7,55,847 किसानों को 2,66,950 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया। रबी मौसम में कुल बीज वितरण का 33 प्रतिशत होम डिलीवरी के माध्यम से किया गया, अर्थात् 2,44,765 किसानों को 88, 694 क्वींटल बीज की होम डिलीवरी की गई।
कुमार सर्वजीत ने कहा कि वर्ष 2022 मखाना के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ, क्योंकि इसी साल मखाना को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से “मिथिला मखाना” के नाम से भौगौलिक सूचकांक (जी॰आई॰ टैग) प्राप्त हुआ है। देश में उत्पादित होने वाले मखाना का लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है। बिहार में विगत एक दशक में मखाना क्षेत्र विस्तार में व्यापक वृद्धि दर्ज की गयी है। मखाना क्षेत्र में लगभग 171 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ वर्तमान में 35 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में मखाना का उत्पादन किया जा रहा है। वहीं पॉप मखाना का उत्पादन वर्तमान समय में लगभग 23.50 हजार टन हो गया है।
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के तहत् पूंजीगत अनुदान प्राप्त करने के लिए फल और सब्जियाँ और मक्का प्रसंस्करण के क्षेत्र में दस परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। उक्त परियोजनाएँ विभिन्न क्षमताओं में केले के चिप्स, आलू के चिप्स, मक्का आधारित स्नैक्स और मसालों का प्रसंस्करण करेंगी। स्वीकृत परियोजनाओं की कुल परियोजना लागत लगभग 35.6 करोड़ रुपये है और परियोजनाओं को प्राप्त होने वाली कुल अनुदान राशि लगभग 2.90 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के अधिष्ठापन और संचालन से पटना, भोजपुर, बेगूसराय, पूर्वी चम्पारण और वैशाली क्षेत्र में लगभग 300 लोगों को रोजगार मिल रहा हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में कृषि विभाग द्वारा बिहार सरकार के सात निश्चय-2 के तहत् हर खेत को पानी पहुँचाने के लिए 7200 एकड़ क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई योजना से आच्छादित किया गया। इसी प्रकार, भूमि संरक्षण निर्देशालय द्वारा वर्षाश्रित जिलों में 30 फीट तक के 517 पक्का डैम, 150 जल संचयन इकाई, 100 तालाब तथा 759 साद अवरोधक बांध का निर्माण किया गया। इन कार्यों के पूर्ण होने से अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई। कृषि यांत्रीकरण योजना अंतर्गत वर्ष 2022 में अबतक किसानों को कुल 13,665 यंत्रों की आपूर्ति अनुदानित दर पर की गई हैं, जिसमें 36.39 करोड़ रूपए अनुदान की राशि संहित है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि यंत्रों की मरम्मती सुलभ कराने के लिए 19 बैच में 467 ग्रामीण युवाओं को 26 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दोनो कृषि विश्वविद्यालय में दिया गया।
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में चौथे कृषि रोड मैप के सूत्रण का कार्य शुरू किया गया। चौथे कृषि रोड मैप में दलहनी, तेलहनी, पोषक अनाज के बीज उत्पादन तथा क्षेत्र विस्तार हेतु विशेष कार्यक्रम तथा जलवालु अनुकुल कृषि कार्यक्रम को प्रत्येक जिला के पांच – पांच गांवों से बढ़ाकर दस – दस गांव में विस्तारित किया जायेगा। बिहार के अन्नदाता किसानों तथा आमजनों का नववर्ष मंगलमय हो और राज्य हर क्षेत्र में विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो की मंगल कामना करता हूं।