कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाले 200 अधिकारियों को दी गई सजा, इसकी जानकारी मंत्री श्रवण कुमार ने दी

 कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाले 200 अधिकारियों को दी गई सजा, इसकी जानकारी मंत्री श्रवण कुमार ने दी

बिहार ग्रामीण विकास विभाग के लगभग 200 राजपत्रित अधिकारियों को जन कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने की सजा दी गई है। भ्रष्टाचार में उनकी कथित संलिप्तता की वजह से ट्रांसफर और वेतन वृद्धि रोक लगाई गई है। इसकी जानकारी मंत्री श्रवण कुमार ने आज शुक्रवार को दी। ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई।

जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर नल का जल जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत अपात्र लोगों का नामांकन और फर्जी खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए। इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘हमारी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। हमने बिहार लोक सेवा आयोग के ग्रामीण विकास अधिकारी संवर्ग के त्रुटिपूर्ण राजपत्रित अधिकारियों एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों के विरूद्ध कर्तव्य में अवहेलना करने पर विभागीय कार्यवाही शुरू की है।

आपको बता दें कुछ मामलों में विभागीय जांच कई वर्षों से लंबित थीं। वरिष्ठ अधिकारियों को दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए कहा गया है।’ वही,समाचार एजेंसी PTI को मिले दस्तावेजों से पता चला है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 2019 में मधुबनी जिले के मधेपुर ब्लॉक और 2018 में पटना जिले के पुनपुन ब्लॉक में भी शुरू नहीं हुई थी। विभाग ने 2019 में अरवल जिले के कुर्था प्रखंड में बच्चों को पका हुआ भोजन वितरण करने में अनियमितता पाई थी। 2014 में मधुबनी के हरलाखी में सरकारी जमीन पर निजी स्कूलों का निर्माण किया गया।

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