रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने फार्मास्यूटिकल्स के लिए पीएलआई योजना को मंज़ूरी दी
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत महत्वपूर्ण की स्टार्टिंग मटीरियल्स, ड्रग इंटरमीडिएट और एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स को बढ़ावा देने के लिए मंजूरी दे दी है।
फार्मा सेक्टर में पीएलआई
सरकार ने फार्मास्यूटिकल्स के लिए 15,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को बढ़ाया है। आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया था। वर्तमान में, भारतीय दवा उद्योग $40 बिलियन का है और वैश्विक बाजार में इसका योगदान लगभग 3.5 प्रतिशत है। लेकिन हाई-एंड पेटेंट दवाओं अभी भी आयात किया जाता है। फार्मास्यूटिकल्स को पीएलआई योजना का विस्तार इसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।
उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य आयात में कटौती करना है। यह योजना घरेलू निर्मित उत्पादों की वृद्धिशील बिक्री पर कंपनियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह योजनास्थानीय कंपनियों को मौजूदा विनिर्माण इकाइयों की स्थापना या विस्तार के लिए प्रोत्साहित करती है।