शारदीय नवरात्रि के 5वें दिन होती है माँ स्कंदमाता की पूजा,जानते हैं पूजा की विधि
शनिवार से शुरू हुई शारदीय नवरात्रि का आज पांचवा दिन है| आज के दिन श्रद्धालु माँ स्कंदमाता की पूजा करके उन्हें खुश करने का पूरा प्रयास करते हैं|
आपको बता दें कि स्कन्द कुमार कार्तिकेय को माता की वजह से ही स्कन्द के नाम से जाना जाता है| क्योंकि स्कन्द भगवान् छोटे से ही थे, जब से वो माँ की गोद में विराजित हैं| स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं जिनमें से दो हाथों में कमल के पुष्प हैं| जबकि एक हाथ में उन्होनें कार्तिकेय को ले रखा है| बाक़ी बचे एक हाथ से वो अपने भक्तजनों को आशीर्वाद देती है|
माना जाता है कि स्कंदमाता ही वो वजह है जिनकी कृपा होने पर कालिदास की ओर से रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत जैसी रचनाएं हुई हैं| कहते हैं कि माँ स्कंदमाता को जऊ-बाजरे का भोग ज्यादा पसंद है और भक्त ज़्यादातर उन्हें इसी का भोग लगाते हैं| हालांकि जिन लोगों को शारीरिक कष्ट होते हैं, उसे दूर करने के लिए लोग माता को केले का भी भोग लगाते हैं|