मोहर्रम शहादत का त्यौहार माना जाता है, इसका महत्व इस्लामिक धर्म में बहुत अधिक है–राजेश सिन्हा माले, विधानसभा प्रभारी!

 मोहर्रम शहादत का त्यौहार माना जाता है, इसका महत्व इस्लामिक धर्म में बहुत अधिक है–राजेश सिन्हा माले, विधानसभा प्रभारी!

मोहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। ये महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने बताया कि मुहर्रम की 10वीं तारीख यौम-ए-आशूरा के नाम से जानी जाती है।

ये इस्लाम धर्म का प्रमुख दिन होता है। कहा जाता है कि मोहर्रम के महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी।
हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के 10वें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं।

प्रभारी राजेश सिन्हा ने बताया कि इस बार भी कई अखाड़ों ने उन्हे याद किया बरवाडीह के मो० तारिक, डांडेडीह से मो आलम,अम्बाटांड़ से ताज हसन, कमलजोर से कलाम समेत अन्य अखाड़ों नें याद किया किन्तु एक साथ सभी स्थानों पर जाना संभव नहीं था I सभी अखाड़ा कमिटी को धन्यवाद है। श्री सिन्हा नें कहा कि आपसी भाईचारा सभी अखाड़ों का, दमदार था और रहेगा, हम सब मिलकर गिरिडीह को अच्छा संदेश देंगे।

संबंधित खबर -