National Youth Day: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस?
दुनिया को भारतीय संस्कृति और जीवन पद्धति से परिचय कराने वाले महान आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक स्वामी विवेकानंद की जयंती आज है| युवाओं के प्रेरणा के प्रतिक नेता विवेकानंद की याद में ही हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस या नेशनल युथ दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई| आइए जानते हैं क्या है युवा दिवस का इतिहास और इसका महत्व:-
कौन थे स्वामी विवेकानंद?
तेजस्वी बालक के नाम से प्रसिद्ध नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म भारत के कोलकाता के एक कुलीन परिवार में सन् 1863 में हुआ था| वे आगे चलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से जाने गए.स्वामी भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक बने|
इन्होंने अमेरिका के शिकागो में 1893 में आयोजित विश्व धर्म संसद में अपना ऐसा भाषण दिया कि युवाओं के प्रेरणादायक बन गए| उन्होंने अपने प्रभावी भाषण के दौरान पश्चिमी दुनिया को भारतीय वेदांत दर्शन से परिचय करवाया| साथ ही साथ भारतीय संस्कृति व सनातन पद्धति से भी लोगों को परिचय करवाया|
रामकृष्ण मिशन नामक संस्था की स्थापना की
इन्होंने धर्म संसद से सन 1897 में भारत लौटने के बाद अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के नाम पर एक संस्था की स्थापना की जिसका नाम रामकृष्ण मिशन रखा, जो आज भी संचालित है और उनके आदर्शों पर चलता है| 4 फरवरी 1902 में वे अपने कमरे में ध्यान लगाने गए और वहीं परलोक सिधार गए|
क्या है युवा दिवस का इतिहास?
भारत सरकार ने भी उन्हें अपना आध्यात्मिक और दार्शनिक नेता माना| यही कारण है कि देश के युवाओं के प्रति उनके विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की परंपरा 1984 में शुरू की गयी| ये वह दिन है जब स्वामी जी का जन्म हुआ था|
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