नवरात्रि 2021 : दुर्गा महा अष्टमी आज, मां महागौरी की की जाती हैं पूजा, जानिए पूजा -विधि और मां की प्रिय पुष्प
आज बुधवार 13 अक्टूबर को दुर्गाष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। बता दें, इस साल नवरात्रि 9 की बजाए 8 दिनों की थी। दुर्गा महा अष्टमी के पर्व का नवरात्रि में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य जीवन में प्राप्त होता है।माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से पुकारते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं।
मां महागौरी की पूजा-
विधि -आपको बता दें, सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।उसके बाद चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। उसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करना चाहिए।अब चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। इसके बाद चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका, सप्त घृत मातृका यानी सात सिंदूर की बिंदी लगाएं आदि की स्थापना करें।
अब महाष्टमी या दुर्गाष्टमी व्रत का संकल्प लें और मंत्रों का जाप करते हुए मां महागौरी समेत समस्त देवी-देवताओं का ध्यान लगाएं। अब मां महागौरी का आवाहन, आसन, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, फूल, धूप-दीप, फल, पान, दक्षिणा, आरती, मंत्र आदि करें। इसके बाद प्रसाद बांटें।महाष्टमी की पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां महागौरी शुभ फल देती हैं।
मां महागौरी की प्रिय पुष्प –
शास्त्रों के अनुसार, मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं। माता महागौरी की पूजा करते समय पीले या सफेद वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। महागौरी का पूजन करते समय पीले फूल अर्पित करने चाहिए।