नया खुलासा, मौत के मुंह में समा रहे हैं प्लाज्मा थेरेपी वाले मरीज
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी कोहराम मचाया था. दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को काफी कारगर माना जा रहा था. उस दौरान प्लाज्मा बैंक के सामने लंबी लाइन लगी देखी गई थी और लोग ऑनलाइन प्लाज्मा डोनर की तलाश भी कर रहे थे. हालांकि अब दुनियाभर में प्लाज्मा थेपेरी को लेकर चल रही स्टडी में हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही है. कनाडा में नेचर जर्नल के अध्ययन में पता चला है कि प्लाज्मा थेरेपी ने कोरोना मरीजों का उपचार कम किया है, बल्कि इसके कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. अध्ययन में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराने वाले लोगों की मौत की संख्या भी ज्यादा रही है.
कोवैलेसेंट प्लाज्मा फॉर हॉस्पिटलाइज्ड पेशंट्स विद कोविड-19: एन ओपन लेबल, रैंडोमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल’ शीर्षक से किए गए इस अध्ययन में 940 मरीजों को शामिल किया गया था. इन मरीजों को दो ग्रुप में बांटा गया था. एक ग्रुप में उन मरीजों को शामिल किया गया था जिनका इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया गया और दूसरे ग्रुप में वो मरीज थे, जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी नहीं दी गई थी.
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अध्यन से पता चलता है कि प्लाज्मा थेरेपी वाले ग्रुप के 33.4% मरीजों में ऑक्सीजन लेवल कम होने के साथ सांस लेने की तकलीफ बढ़ गई. जबकि दूसरे ग्रुप में 26.4% मरीजों में ही ऐसी दिक्कत सामने आई. इसी तरह प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराने वाले मरीजों की मौत भी ज्यादा हुई है. अध्ययन के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी लेने वाले 23% मरीजों की इजला के 30 दिन के अंदर मौत हो गई जबकि दूसरे ग्रुप में 20.5% मरीजों की मौत हुई.