1 अक्टूबर से नये ट्रैफिक नियम

 1 अक्टूबर  से नये ट्रैफिक नियम

अब वाहन चलाते समय, आपको पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC), ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्र सहित दस्तावेजों को रखने की आवश्यकता नहीं है।  केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अधिनियम बनाकर इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है जो एक अक्टूबर से लागू होगी।

 केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि ई-चालान और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे वाहन दस्तावेजों को 1 अक्टूबर 2020 से अपने सूचना प्रौद्योगिकी पोर्टल के माध्यम से बनाए रखा जाएगा।

 परिवहन मंत्रालय ने राज्य परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को सलाह दी है कि वे भौतिक दस्तावेजों के लिए ड्राइवरों की तलाश न करें।

 कैसे चलेगा?

 एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है जिसके माध्यम से ट्रैफिक पुलिसकर्मी या डिवीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर को सभी डॉक्यूमेंट की जानकारी डिजिटल रूप से खींचने के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा।

 यह सॉफ्टवेयर ट्रांसपोर्ट डेटाबेस से जुड़ा हुआ है।  इसमें वाहन का पंजीकरण नंबर डालकर, विशेष वाहन के सभी कागजात की जांच की जा सकती है।

 ड्राइवर क्या करेंगे?

 अधिनियम के अनुसार, यदि ट्रैफिक पुलिस के पास कोई उपकरण नहीं है, तो वह स्मार्टफोन पर सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकता है और वाहन के कागज की जांच कर सकता है।  यह अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह खुद जांच करे।  अधिकारी गाड़ी के दस्तावेज नहीं रखने के लिए स्वामी से सवाल नहीं कर सकता।

 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में कई संशोधन किए हैं। ये संशोधन दस्तावेजों के ई-चालान और डिजिटल पहुंच को बनाए रखने में सक्षम होंगे।

 अधिनियम में बदलाव ऑटोमोटिव नियमों के बेहतर कार्यान्वयन और निगरानी के लिए है।  आईटी सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के उपयोग से यातायात कानूनों का बेहतर प्रवर्तन सुनिश्चित होगा।  यह ड्राइवरों के उत्पीड़न को भी कम करेगा।

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