माँ से बड़ा रचनाकार कोई नहीं

 माँ से बड़ा रचनाकार कोई नहीं

” ये वो रिश्ता है , जिसकी अनन्त व असीम गहराई को मापना प्रकृति के लिए भी मुमकिन नहीं , यही विशेषता इसे हर रिश्तों मे सर्वोपरि बना देती है।

The universe in one word ... Maa | Motherhood,Mother's Day | Momspresso


यही वजह है कि प्रकृति भी अपनी और से भरसक प्रयास करती है कि कोई भी इस रिश्ते से वंचित न रह जाए।
बावजूद इसके कोई वंचित रह जाता है , तो समझिये उसका भाग्य आंसुओं मे कलम डूबो कर लिखा गया होगा। “

वो मां है, और वो ताउम्र आपके सामने अपने चेहरे पर खुशमिजाजी का वो नकाब ओढ़े रहती है। जिसके भीतर

Thank You Maa | Mothers Day Celebration in Thane | Corronet Innovations

झांक कर देखने की जहमत आप भी तमाम उम्र नहीं उठाते , या फिर आपकी खुदगर्जी आपको उठाने ही नहीं देती।
क्योंकि आपको हर बला से महफूज रखने मे जितने जख्म उसने बर्दाश्त किए होते हैं , उतने जख्मों को देखकर तो दर्द खुद भी दर्द से कहरा उठेगा।

” कहते हैं ब्रह्मांड से विशाल कुछ भी नहीं , क्योंकि सब ही कुछ उसके भीतर ही तो समाहित है। लेकिन मां से बड़ा भी कोई नहीं क्योंकि उत्पत्ति का मूल और मंत्र भी तो उसके भीतर से ही जन्मा है।
आखिर उत्पन्न करनेवाली ही न होती , तो ब्रह्मांड की विशालता को मापने वाली इंसानी प्रजाति और उसको संतुलन मे रखने वाली अन्य प्राणियों की उत्पत्ति कैसे हुई होती। यही वजह है कि ‘ मां ‘ के नाम के एक अक्षर के भीतर ब्रह्मांड से अधिक भव्यता आकाश से अधिक ऊंचाई , सागर से अधिक गहराई ,समाई है।
यही वो कारण है कि सृष्टि भी अपने जन्म से लेकर आज तक इंसान को मां की ममतामयी छवि का कोई विकल्प नहीं दे पाई। “

Maa - About | Facebook

” मां से बड़ा रचनाकार कोई नहीं..
वो नौ माह तक आपको अपने शरीर के भीतर रख आपकी संपूर्ण रचना करती है उसके उपरांत एक संपूर्ण कलाकृति के रुप मे दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करती है ..।

मां चाहे किसी कि भी हो , वो अपने बच्चों पर आये संकट को पलक झपकते ही उनकी मनोदशा को अत्यंत तीव्रता से भांप कर , उन्हे संकट से उबार लेती है।
कोई भी मां की ऐसी ही विशेषता की एक झलक पेश करता है। इस बात का वर्णन इस चित्र को कैमरे मे कैद करनेवाले फोटोग्राफर ने खुद ही किया था। ” जब उसने यह बताया था की किस तरह घौसले से अपने बच्चों को गिरता देख तुरंत उनकी मां ने उन्हें थाम लिया था। “

सहन और शक्ति की पराकाष्ठा ” मां ” के महान व्यक्तित्व के उस सर्वशक्तिमान रूप की जीवटता व हिम्मत को सामने लाती है जिसमें कदम दर कदम राहें और भी कठिन इम्तिहान लेते हुए मुश्किल होती चली जाती हैं।

My Life, Price Less Gift and Love You Maa

मातृत्व की जिम्मेदारी के हर बोझ को सहजता से उठा कर आगे बढ़ना और अपनी गृहस्थी के अन्य पारिवारिक दायित्वों को भी बिना किसी शिकायत और सहायता के स्वयं का ही दायित्व समझ कर निभाते रहना नारी को भीतर ही भीतर एक ऐसी महाशक्ति मे परिवर्तित कर देता है जिसको चुनौती देना किसी भी समाज के किसी भी पुरुष के लिए कभी भी संभव नहीं रहा।

” मां से बड़ा रचनाकार कोई नहीं..
वो नौ माह तक आपको अपने शरीर के भीतर रख आपकी संपूर्ण रचना करती है उसके उपरांत एक संपूर्ण कलाकृति के रुप मे दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करती है ..।

संबंधित खबर -