तेल कंपनियों द्वारा ओटीपी लाॅक, तेल टैंकर पर लगाने से 3.42 करोड़ रूपये की चोरी रूकी

 तेल कंपनियों द्वारा ओटीपी लाॅक, तेल टैंकर पर लगाने से 3.42 करोड़ रूपये की चोरी रूकी

टर्मिनल और पेट्रोल पंप के बीच रास्ते में तेल टैंकर चालकों द्वारा ईंधन की चोरी को लेकर डिजिटल लाॅकर ओटीपी लाॅक सार्वजनिक तेल कंपनियों द्वारा विकसित किया गया है। यह डिजिटल लाॅक ओटीपी वन टाइम पासवर्ड से खुलती है। तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोल पंप प्रबंधकों के मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाता है। राजधानी पटना जिले में करीब पंद्रह सौ टैंकर ईंधन हर दिन पहुंचाते है।

सार्वजनिक तेल कंपनियों द्वारा यह डिजिटल लाॅक की व्यवस्था की गयी है। डिजिटल लाॅक के लागू होने से संचालक व पेट्रोल पंप खुष है। इससे ईंधन की चोरी में कमी आयी है। एक अनुमान के अनुसार एक पेट्रोल पंप संचालक को डिजिटल लाॅक लगने से पूर्व दो लाख रूपये से ज्यादा का नुकासान होता था। तेल टैंकर से दो सौ से अधिक लीटर की चोरी हो जाती थी। पेट्रोल पंप राजधानी पटना में 171 है। इस तरह से डिजिटल लाॅक लगने से 3.42 करोड़ की चोरी रूकी है।


तेल कंपनियों के डिपों से तेल टैंकर निकलने के उपरांत चालक व खलासी मास्टर चाबी द्वारा मैनुअल लाॅक को बीच रास्ते में खोलकर तेल की चोरी कर लेते थे। तेल की चोरी पेट्रोल पंप पर पकड़ी जाती थी। जिसका हर्जाना पेट्रोल पंप संचालक को देना होता था।
इस नए व्यवस्था के अंतर्गत जीपीए सिस्टम तेल टैंकर के अंदर लगा होता है। तेल टैंकर को तेल कंपनियों के टर्मिनल से निकलने के उपरांत तय रूट द्वारा पेट्रोल पंप पर पहुंचना रहता है। तेल टैंकर पेट्रोल पंप पर पहुंचने के उपरांत प्रबंधक के मोबाइल पर ओटीपी आता है। ओटीपी पासवर्ड द्वारा तेल टैंकर पर लगे डिजिटल लाॅक को खोला जाता है।

संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।

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