29 सितंबर को दलित शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ जनतांत्रिक विकास पार्टी देगी धरना : अनिल कुमार
दलित नेता अमर आजाद को सुरक्षा मुहैया कराए सरकार, उनकी जान को है खतरा : अनिल कुमार
पटना: जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि बिहार में दलित, शोषित और वंचित वर्ग के लोग सुरक्षित नहीं है, इसके लिए नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेवार है। अनिल कुमार ने कहा कि बिहार बाबा साहब के संविधान सम्मत कानून से चलेगा, ना कि नीतीश कुमार के सामंतवादी विचार से। उन्होंने कहा कि राज्य में दलित और पीड़ित लोगों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ जनतांत्रिक विकास पार्टी आगामी 29 सितंबर को पटना में धरना का आयोजन करेगी। इसके अलावा हमारी पार्टी आने वाले दिनों में इसी मुद्दे को लेकर राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से जिला मुख्यालयों पर धरना देगी।
अनिल कुमार ने कहा कि जब से प्रदेश में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बनी है, तब से दलित और पिछड़े वर्ग के लोग अपराधियों के निशाने पर हैं। हत्या बलात्कार आम बात हो गई है। सबसे दुर्भाग्य की बात तो ये है कि पुलिस प्रशासन मौन है और वह अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सामंतवादी विचारधारा के पोषक हैं। वे भले प्रधानमंत्री बने, दिल्ली जाएँ लेकिन बिहार की जनता पर अत्याचार करना सबसे पहले बंद करें। अनिल कुमार ने पटना, नालंदा, बेगुसराय, वैशाली से लेकर राज्य भर के उन घटनाओं का भी जिक्र किया, जिनमें दलित और शोषितों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि ये सारे लूट, हत्या और बलात्कार की घटना नीतीश – तेजस्वी की महागठबंधन सरकार में हुई है। और सभी मामले में पुलिस प्रशासन खामोश है और उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा।
वहीं, उन्होंने महेंद्रू स्थित राजकीय अंबेडकर छात्रावास गोलीकांड मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और उनकी सरकार को दलित विरोधी बताया। साथ ही उन्होंने इस मामले में छात्र नेता अमर आजाद को गलत आरोप में फँसाने का लगाया और उनकी जान को खतरा बताया। उन्होंने कहा कि अमर आजाद जी पर अनिल यादव द्वारा फर्जी मुकदमा 338/22 थाना सुल्तानगंज में किया गया है, जो न्यायोचित नहीं है। अमर आजाद दलित छात्रों की आवाज को प्रमुखता से रखते हैं, इसलिए उन्हें जानबुझ कर फँसाया जा रहा है, ताकि इस मामले में सच को दबाया जा सके। उन्होंने अमर आजाद की जान को खतरा बताते हुए सरकार से उन्हें सुरक्षा देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के 17 साल के शासन मे बिहार में शोषित दलित वंचित का रहना आसान नहीं है। नीतीश कुमार कम से कम उस घोषणा का जवाब दें, जिसमें उन्होंने कहा था कि दलितों की हत्या पर उनके आश्रित के परिवार को नौकरी देंगे। आज तक कितनों को नौकरी दिया। एक को भी नहीं। इससे साफ जाहिर है कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलितों को उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया है, जिसका हम विरोध करते हुए प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा करते हैं।