ईद के मौके पर अमन चैन की दुआ मांगी गयी, जानें ईद का महत्व
इस्लामी त्योहारों में ईद उल फितर प्रमुख त्योहार माना जाता है। शव्वाल महीने में ईद को मनाने की परंपरा चली आ रही है। मुस्लिम समुदाय इस मौके पर रमजान के महीने में रोजे खत्म होने का जश्न मनाते है। महीने का रमजान के उपवास के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के साथ ईद का पर्व आरंभ होता है। मुस्लिम समुदाय लोग ईद पर्व के दिन बड़ी बेसब्री से चांद को देखने का इंतजार करते है। भारत देश में आज यानी 14 मई को ईद का पर्व लोगों द्वारा धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद मुस्लिम त्योहार की तिथि चंद्रमा के दीखने पर निर्भर करता है। चंद्रमा का अलग-अलग देशों में अलग अलग समय में दिखने की वजह से ईद की तिथि भी हरेक देशों एक समान नहीं होती है। आकाश में चंद्रमा की अर्धचंद्र को देखने के लिए मुस्लिम समुदाय लोग प्रतिक्षा करते है और चंद्रमा दिखने पर ईद पर्व का उत्सव मनाते है। सउदी अरब में चांद का दीदार 12 को हुआ था इस वजह से सउदी अरब में 12 को ईद मनायी गई। भारत देश में चांद शाम करीब सवां सात बजे देखा गया है इस वजह से आज 14 मई को भारत में ईद का त्योहार बड़े धूमधाम से देश में मनाया जा रहा है। ईद के पर्व के दिन सेवाइयां बनाने की परंपरा रही है। इस कारण इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। ईद उल फितर का त्योहार मुस्लिम समुदाय लोग तीन दिनों तक पूरे जष्न के साथ मनाते है। इस दिन लोग नए कपड़ा पहनकर अल्लाह से अमन चैना की दुआ मांगते है। ईद त्योहर की आरंभ लोग नमाज से शुरू करते हे। इसके बाद लोग एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक देते है। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय लोग एक दूसरे के घरों व रिष्तेदारों में जाकर मिठाइयां बांटते है। कोरोना महामारी के मद्देनजर ईद त्योहार को देखते हुए लॉकडाउन में भोजन व अन्य कुछ आवष्यक चीजें खरीदने हेतू सरकार द्वारा छूट दी गयी थी। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।