Bihar Budget सत्र के दौरान सदन में पक्ष – विपक्ष दिखें शयराना अंदाज़ में
बिहार बजट 2021-22 पर बिहार विधानसभा में चर्चा के दौरान खूब शेरो-शायरी चली। पहले तेजस्वी यादव ने शेरो-शायरी का जमकर इस्तेमाल किया। फिर पक्ष-विपक्ष के विधायक अरुण शंकर प्रसाद, मनोज मंजिल, अख्तरुल ईमान, ज्योति देवी, स्वर्णा सिंह, हरिभूषण ठाकुर बचौल, रत्नेश सदा, सत्येन्द्र यादव, सूर्यकांत पासवान, राजकुमार सिंह द्वारा वक्तव्य रखने के बाद उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी शायरी का जवाब उसी अंदाज में दिया।
‘तू कर ले हिसाब अपने हिसाब से, जनता हिसाब लेगी अपने हिसाब से’
सरकार के बजट का विरोध करते हुए नेता विपक्ष ने तारकिशोर प्रसाद की तारीफ भी की। कहा, सुशील मोदी से इनकी आवाज साफ है। उन्होंने पहला शेर रखते हुए कहा-मुझमें हजार खामियां हैं, माफ कीजिए/ कभी अपने आईने को भी साफ कीजिए’। उसके बाद क्रमवार विभिन्न बिंदुओं पर सरकार के बजट की आलोचना करते हुए तेजस्वी ने फिर एक शेर पढ़ा-‘तू कर ले हिसाब अपने हिसाब से, जनता हिसाब लेगी अपने हिसाब से’। तेजस्वी ने जब कवित्त के अंदाज में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठ का बादल छंटेगा, सभाध्यक्ष विजय सिन्हा ने झट से कहा-इस शेर को पूरा कीजिए। तेजस्वी ने जब चुप्पी साध ली, तब अहसास हुआ कि यह कोई शेर नहीं बल्क सरकार पर तंज था, तो विपक्ष के सदस्यों की हंसी गूंजी।
‘विरासत से तय नहीं होते सियासत के फैसले, उड़ान तय करेगी कि ये आसमान कितना है’
तारकिशोर प्रसाद ने सरकार का जवाब विपक्ष के सवालों पर इस शेर से रखना आरंभ किया-सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो किस्ती जहां तूफान आया है। उप मुख्यमंत्री ने बजट की एक-एक खूबियां गिनाईं। नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा। कहा, बिहार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में गढ़ने का काम हम कर रहे हैं, नेता प्रतिपक्ष नहीं। उन्होंने बातचीत का समापन करते हुए कहा-‘विरासत से तय नहीं होते सियासत के फैसले, उड़ान तय करेगी कि ये आसमान कितना है’।
दो कहानियां भी सुनी गईं
बजट पर चर्चा के दौरान विधानसभा के सदस्यों ने गुरुवार को दो कहानियां भी सुनीं। पहली कहानी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुनाई। भैंस और घंटी की कहानी। कहा, एक गांव में चोर आए। एक भैंस को चुरा ले गये। आधे चोर दूसरी दिशा में भैंस की घंटी बजाते भागे, आधे भैंस लेकर दूसरी दिशा में।
गांव वाले घंटी की ओर दौड़े तथा भैंस की चोरी हो गयी। बारी आने पर जवाब में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी कहानी सुनाई। आशय था- घोड़ा बेचने मेले में गया था, जितने में खरीदा था, उतने में ही बेच दिया। फायदे में एक हुक्का ले आए।