पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करना है या नहीं, इस महीने होगा तय
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल बैठक 21-23 अक्टूबर को होनी तय है| इस दौरान यह फैसला लिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद व वित्तपोषण के खिलाफ इस्लामाबाद की कार्रवाई की समीक्षा के आधार पर पाक ग्रे सूची से बाहर होगा या नहीं| डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीफ की बैठक पहले ही होने वाली थी, लेकिन वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक निगरानी ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी के मद्देनजर अस्थायी रूप से सभी पारस्परिक मूल्यांकन फॉलो-अप की समय सीमा को स्थगित कर दिया था|
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल बैठक 21-23 अक्टूबर को होनी तय है| इस दौरान यह फैसला लिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद व वित्तपोषण के खिलाफ इस्लामाबाद की कार्रवाई की समीक्षा के आधार पर पाक ग्रे सूची से बाहर होगा या नहीं| डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीफ की बैठक पहले ही होने वाली थी, लेकिन वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक निगरानी ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी के मद्देनजर अस्थायी रूप से सभी पारस्परिक मूल्यांकन फॉलो-अप की समय सीमा को स्थगित कर दिया था|
पेरिस स्थित एजेंसी ने समीक्षा प्रक्रिया पर भी सामान्य विराम लगा दिया था, जिसके फलस्वरूप पाकिस्तान को अपने आवश्यक पैमानों को पूरा करने के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय मिल गया था| वहीं सरकार ने 28 जुलाई को 27-बिंदु कार्य योजना के 14 बिंदुओं एफएटीएफ की 40 सिफारिशों में से 10 के पालन को लेकर संसद में सूचना दी| हालांकि, 16 सितंबर तक संसद के संयुक्त सत्र ने एफएटीएफ द्वारा आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपनी कानूनी प्रणाली को उन्नत करने के लिए लगभग 15 कानूनों में संशोधन किया था|
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एफएटीएफ उसके संबद्ध समीक्षा समूहों को पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, साथ ही उनके कमेंट का जवाब भी दिया है, जिसमें 13 सरकारी बिंदुओं का पालन करने की बात कही गई है| बता दिया जाए कि एजेंसी ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को जून 2018 में ‘रणनीतिक कमियों’ के कारण ग्रे सूची में रखा था|
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल बैठक 21-23 अक्टूबर को होनी तय है| इस दौरान यह फैसला लिया जाएगा कि मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद व वित्तपोषण के खिलाफ इस्लामाबाद की कार्रवाई की समीक्षा के आधार पर पाक ग्रे सूची से बाहर होगा या नहीं| डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीफ की बैठक पहले ही होने वाली थी, लेकिन वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक निगरानी ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी के मद्देनजर अस्थायी रूप से सभी पारस्परिक मूल्यांकन फॉलो-अप की समय सीमा को स्थगित कर दिया था|
पेरिस स्थित एजेंसी ने समीक्षा प्रक्रिया पर भी सामान्य विराम लगा दिया था, जिसके फलस्वरूप पाकिस्तान को अपने आवश्यक पैमानों को पूरा करने के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय मिल गया था| वहीं सरकार ने 28 जुलाई को 27-बिंदु कार्य योजना के 14 बिंदुओं एफएटीएफ की 40 सिफारिशों में से 10 के पालन को लेकर संसद में सूचना दी| हालांकि, 16 सितंबर तक संसद के संयुक्त सत्र ने एफएटीएफ द्वारा आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपनी कानूनी प्रणाली को उन्नत करने के लिए लगभग 15 कानूनों में संशोधन किया था|
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एफएटीएफ उसके संबद्ध समीक्षा समूहों को पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, साथ ही उनके कमेंट का जवाब भी दिया है, जिसमें 13 सरकारी बिंदुओं का पालन करने की बात कही गई है| बता दिया जाए कि एजेंसी ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को जून 2018 में ‘रणनीतिक कमियों’ के कारण ग्रे सूची में रखा था|