पटना हाईकोर्ट ने सीवान जिला प्रशासन पर 50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला ?
पटना हाईकोर्ट ने सीवान जिला प्रशासन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है I जुर्माने की यह राशि दो महीने के भीतर जमा करनी है I यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा होगी I मई में भी जिला पदाधिकारी सीवान और अंचल पदाधिकारी दारौंदा पर हाईकोर्ट ने 25-25 हजार रुपये का बेलेबल वारंट जारी किया था I उसके बाद सीवान जिला प्रशासन की नींद खुली और 6 सालों से पटना हाईकोर्ट के आदेश को दबाकर रखने के बाद दारौंदा बाजार, ब्लॉक की जमीन और श्मशान की भूमि से अतिक्रमण हटाने की काम शुरू किया गया I
हालांकि अतिक्रमण हटाने में दारौंदा अंचल पदाधिकारी और जिले के तमाम पदाधिकारी फेल ही रहे हैं I इसके बाद हाईकोर्ट ने फर्जी जमाबंदी समेत दूसरी सभी समस्याओं को दूर करने और अंचल पदाधिकारी को अतिक्रमण हटाने के लिए जिला पदाधिकारी को चार महीने का समय दिया है I आपको बता दें इस मामले पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर आज भी कोर्ट को अंचल पदाधिकारी द्वारा बरगलाया जा रहा है I कुछ लोगों का अतिक्रमण आधा अधूरा हटाया गया है I इसकी जांच स्वयं जिला पदाधिकारी को करनी चाहिए क्योंकि अनुमंडल में भी अंचल पदाधिकारी के रिश्तेदार ही कार्यरत हैं I ब्लॉक की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया गया I कुछ बड़े लोग है जिनको बचाया जा रहा है I गरीब मजदूर को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है I डीएम को आवेदन दिया गया है मगर कुछ नहीं हो रहा है I
क्या है पूरा मामला?
दारौंदा बाजार, प्रखंड कार्यालय और श्मशान की जमीन को बचाने के लिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र ठाकुर साल 2009 से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते रहे लेकिन 2017 में सरकारी भूमि से उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका CWJC 2925/2017 दायर की I इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए छह महीने के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश प्रशासन को दिया था I अतिक्रमण हटाने के बजाय कई नए मार्केट तैयार हो गए I इसकी जानकारी याचिकाकर्ता ने राजस्व विभाग पटना को कई बार दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई I 2019 में कुछ अतिक्रमणकारियों ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका CWJC 13279/2019 दायर कर दी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए अपने पूर्व के आदेश को पालन करने का आदेश दिया मगर जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने में रुचि नहीं लिया I इसके बाद याचिकाकर्ता वीरेंद्र ठाकुर ने कोर्ट के अवमानना का मामला MJC 3097/2019 दायर किया I