बिहार के तमाम शहरी निकायों में मौजूद पार्कों के हस्तांतरण की तैयारी शुरू

 बिहार के तमाम शहरी निकायों में मौजूद पार्कों के हस्तांतरण की तैयारी शुरू

बिहार के तमाम शहरी निकायों में मौजूद पार्कों के हस्तांतरण की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग सभी निकायों से पार्कों का ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है। तकरीबन 400 पार्कों को जल्द पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

राज्य के तमाम शहरी निकायों में स्थित पार्कों की स्थिति अच्छी नहीं है। उनका रखरखाव ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा। निकायों के पास स्टाफ की भी कमी है और बागवानी आदि की विशेषज्ञता भी नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रयोग के तौर पर पूर्व में राजधानी पटना के सभी पार्कों का रखरखाव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को सौंप दिया था। वन विभाग ने इनका बेहतर प्रबंधन किया और इनमें से कई पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पटना में प्रयोग सफल रहने के बाद सरकार ने राज्य के सभी शहरी निकायों के पार्कों को वन विभाग को देने का ऐलान किया। यह निर्णय दो फरवरी को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। विभाग पार्कों का सभी निकायों से ब्योरा जुटा रहा है।

पटना में हैं सर्वाधिक पार्क
बिहार के शहरी निकायों की बात करें तो पार्कों की सर्वाधिक संख्या राजधानी में है। पटना नगर निगम क्षेत्र में 72 पार्क हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर नगर निगम क्षेत्र में पार्कों की संख्या अच्छी-खासी है।

क्षेत्रफल और उपलब्ध सुविधाओं के हिसाब से भुगतान


पार्कों के रखरखाव का जिम्मा जल्द पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग संभाल लेगा। मगर इसके रखरखाव पर होने वाले खर्च की राशि उसे नगर विकास एवं आवास विभाग देगा।विभागीय सूत्रों की मानें तो इस राशि का निर्धारण पार्कों के क्षेत्रफल, वहां उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर होता है।

उपमुख्यमंत्री ने दिए थे पार्कों को सुंदर बनाने के निर्देश


उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने विभाग का पदभार संभालने के बाद शहरी निकायों में स्थित पार्कों की दुर्दशा पर चिंता जताई थी। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पदाधिकारियों के साथ भी उन्होंने पार्कों के बेहतर प्रबंधन को लेकर चर्चा की थी। इन्हें सुंदर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किए जाने की बात कही थी। प्रमंडलवार हुई समीक्षा बैठक में भी शहरी पार्कों की बदहाली का मामला उठा था।

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