Raksha Bandhan 2020: भूलकर भी भाई कलाई पर ना बांधे ऐसी राखी, मानी जाती है अशुभ

 Raksha Bandhan 2020: भूलकर भी भाई कलाई पर ना बांधे ऐसी राखी, मानी जाती है अशुभ

Raksha Bandhan 2020: 3 August को देशभर में श्रावण मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने वाला है। कोरोना काल में रक्षा बंधन आया है और ऐसे में कई भाई अपनी बहनों और कई बहनें अपने भाईयों से दूर हैं। दुनिया में फैली इस महामारी ने त्योहारो के रंग फीके कर दिए हैं। हालांकि, इसके बावजूद वो लोग राखी के इस पवित्र त्योहार को बड़ी धूम से मनाने वाले हैं जो अपने भाई या बहन के साथ हैं। बहनें अपने भाईयों के लिए राखी खरीदकर ला रही हैं वहीं भाई अपनी बहन तो देने के लिए तोहफे खरीद रहे हैं। पिछले कुछ समय में जहां बाजार में चायनीज राखियों की मांग कम हुई है वहीं देसी राखी लोग पसंद कर रहे हैं।

वैसे तो रक्षा बंधन के दिन भाई की कलाई पर रेशम का धागा ही सुहाता है लेकिन वक्त के साथ इसमें बदलाव हुआ है और कई तरह की डिजाइनर राखियां आने लगी हैं। हर बहन अपने भाई के लिए बड़े प्यार से राखी चुनती है ताकि उसके भाई की कलाई सबसे सुंदर नजर आए। लेकिन इस राखी खरीदते और बांधते वक्त इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि यह आपके भाई के लिए शुभ साबित हो अशुभ नहीं। हम आपको आज ऐसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी राखी से अपने भाई का मंगल ही करेंगी।

इन बातों का रखें ध्यान

– राखी बांधते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि वो टूटी या खंडित ना हुई हो, ऐसी राखी अशुभ मानी जाती है।

– टूटी हुई राखी को जोड़कर या ठीक करके भी नहीं बांधना चाहिए।

– कभी भी बाई की कलाई पर काले रंग के धागे या मोतियों वाली राखी नहीं बांधनी चाहिए।

– राखी खरीदते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि उसमें कोई अशुभ निशान या आकृति ना बनी हो।

– चीनी राखियों में भी कई बार ऐसी चीजों का इस्तेमाल हो जाता है जो शास्त्रों के अनुसार सही नहीं होता, ऐसे में इन राखियों से बचें।

– अपने भाई की कलाई पर ऐसी राखी कतई ना बांधे जिनमें कोई धारदार हथियार बना हो।

– भगवानों की तस्वीर वाली राखियां भी ना बांधे।

– भाई की कलाई के लिए लोहे के उपयगो वाली राखियांलेने से भी बचें।

यह राखी होती है सर्वश्रेष्ठ

हर बहन चाहती है कि उसके भाई के यश, और मान सम्मान में बढ़ोतरी हो। ऐसे में रेशम के धागे से बनी राखी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। ज्योतिर्विदों का कहना है कि इससे भाई के यश में वृद्धि होती है।

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