मध्य विद्यालय सिपारा में रंगोली कंपटीशन का आयोजन
पटना, 22 अक्टूबर राजधानी पटना के मध्य विद्यालय सिपारा के बच्चों के बीच रंगोली कंपटीशन का आयोजन किया गया। राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका डा.नम्रता आनंद के मार्गदशन में मध्य विद्यालय सिपारा के बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कंपटीशन में स्कूल के 100 बच्चों ने हिस्सा लिया और विभिन्न कलाकृतियों की आकर्षक रंगोली बनायी। सभी बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत शिक्षिका डा. नम्रता आनंद ने बताया कि दीवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है। इस दिन रात को अंधेरे में भी चारों और रोशनी ही रोशनी होती है। अपने घर को खुबसूरत लुक देने के लिए साज-सजावट करते हैं। साथ ही रंगोली भी बनाते हैं जिससे घर की शोभा कई गुना बढ़ जाती है।पुराने समय से ही रंगोली घर को सजाने और किसी भी उत्सव का प्रतीक रही है।
त्योहारों, शादियों, जन्मदिनों, मौज-मस्ती का कारण चाहे जो भी हो, एक चीज जो हमेशा बनी रहती है, वह है हमेशा खूबसूरत रंगोली डिजाइन होती हैं। जिससे लोग किसी भी खास मौके पर अपने घर को सजाते हैं। दीवाली के दिन बनाई जाने वाली रंगोली को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि घर के बाहर और भीतर बनाई जानेव वाली रंगोली मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाई जाती है, जिससे आकर्षित होकर वह दोड़ी चली आती हैं।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण नंदन प्रसाद ने कहा, घर पर त्योहार हो या कोई फंक्शनआंगन में बनी रंग-बिरंगी रंगोली बेहद शुभ मानी जाती है। मां लक्ष्मी को अपने घर बुलाने के लिए लोग घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं। माना जाता है कि रंगोली में जितने रंग होते हैंउतने ही रंग आपकी जिंदगी में भी घुल जाते हैं।दीपावली के दौरान ही घर में रंगोली बनाये जाने की भी परंपरा है। दीपावली के दिन घर की साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जाता है और रंगोली घर को चार चांद लगा देती है।
घर चाहे कितना भी अधिक सुंदर हो यदि रंगोली घर के मुख्य द्वार पर नहीं सजायी गयी तो घर की सुंदरता अधूरी सी लगती है। इस अवसर पर नीलम शर्मा, उर्मिला कुमारी, पद्मावती कुमारी, मंजू कुमारी, संगीता कुमारी, आभा कुमारी शर्मा, विद्या कुमारी, राजेश रंजन ने सभी बच्चों को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दीवाली मनाने का संदेश दिया।