भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनियन बैंक पर लगाया एक करोड़ रुपये का जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामियों के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसकी जानकारी केंद्रीय बैंक ने बीते दिन सोमवार को दी। जानकारी के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 25 नवंबर को इस बारे में आदेश जारी किया गया था। केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक निर्देशों-2016 के कुछ प्रावधानों तथा बैंकों के लिए दबाव वाली संपत्तियों की बिक्री से संबंधित दिशानिर्देशों के अनुपालन में कमी के लिए यह जुर्माना लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसने 31 मार्च, 2019 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण और निगरानी आकलन (ISI) किया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लि. और 6 लोगों को कंपनी के वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर पूंजी बाजार से एक साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही उनपर कुल 47.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन छह लोगों पर छह महीने या एक साल की पाबंदी लगायी गई है। साथ ही 1.5 लाख रुपये से लेकर 7.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, आपको बता दें इन 6 लोगों में से सेबी ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स AIPL) के बोर्ड में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नामित कृष्णा चंद्र राउत को छह महीने के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है और उन पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने अपने आदेश कहा कि एआईपीएल सही वित्तीय ब्योरा देने में नाकाम रही है। साथ ही ऐसे सौदे किए जो सही नहीं थे। इस प्रकार कंपनी का गलत वित्तीय ब्योरा देने के साथ उसके कोष का दुरुपयोग किया गया है।
नियामक के अनुसार, कंपनी के निदेशकों, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी अपने कर्तव्य का निवर्हन करने में नाकाम है। सेबी ने 25 नवंबर के आदेश में कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर कंपनी और छह लोगों ने सूचीबद्धता बाध्यता तथा खुलासा जरूरत संबंधी नियम का उल्लंघन किया। इसके आधार पर एआईपीए को पूंजी बाजार से एक साल के लिये प्रतिबंधित करने के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।