बिहार में बदला DL बनाने का नियम, मार्च से हो जाएगा लागू
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बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। मार्च से लागू होंगे नए नियम ड्राइविंग लाइसेंस पाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अगले माह से सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर परीक्षा देना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है। नए नियम से अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और मुश्किल हो जाएगा।
फिलहाल, यह सुविधा पटना और औरंगाबाद में लागू है। लेकिन अब 36 जिलों में इसे लागू करने की योजना है। इधर, तिलकामांझी स्थित परिवहन विभाग के टेस्टिंग ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी। अभी ट्रैक पर जाने के लिए रास्ता खुला हुआ है। जिसमें अवारा पशु व असमाजिक तत्वों का आना-जाना लगा रहता है। ट्रैक को आधुनिक प्रणाली से लैस करने से पहले चहारदिवारी बनाई जानी है। ट्रैक को मारुति कंपनी हाईटेक कर रही है।
आपको बता दें डीएल के आवेदकों को अभी मैनुअली टेस्ट देना होता है। कंपनी ने डीटीओ कार्यालय में उपकरणों को पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। बैटरी और यूपीएस सहित कई उपकरणों को पहुंचा दिया गया है। पिछले वर्ष दिसंबर में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए कंपनी के साथ विभाग का करार हुआ है।
जानकारी के अनुसार भागलपुर के अलावा दरभंगा, गया, पूर्णिया व सारण के डीएल टेस्टिंग ट्रैक को हाईटेक किया जाना है। डीटीओ जनार्दन कुमार ने बताया कि ट्रैक की घेराबंदी कराई जाएगी।टेस्टिंग ट्रैक के माध्यम से आवेदकों को आनलाइन आवेदन के बाद सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सड़क पर टेस्ट देना होगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य केवल उन उम्मीदवारों को लाइसेंस प्रदान करना है, जो वाहन चलाने के योग्य हैं और यातायात नियमों का पालन करते हैं।