रूस की sputnik v कोरोना वैक्सिन 91.6 प्रतिशत अंतिम दौर के ट्रायल में प्रभावी पाया गया
रूस की कोरोना वैक्सिन स्पूतनिक-5 ट्रायल के अंतिम दौर में 91.6 प्रतिशत कोविड-19 के खिलाफ कारगर साबित हुई है। गत् मंगलवार को लेंसेट में प्रकाशित रिजल्ट के अनुसार इस स्पूतनिक-5 कोरोना वैक्सिन टीके को स्वतंत्र विषेशज्ञों ने बहुत ही भरोसेमंद टीका बताया है। रूस ने कोरोना का टीका स्पूतनिक-5 का 11 अगस्त को ही सबसे पहले तैयार करने का ऐलान किया था। रूस ने स्पूतनिक-5 कोविड-19 वैक्सिन का नाम रखा है जो कि वहां रूस में यह एक उपग्रह का नाम है। इस कोरोना वैक्सिन के टीके से विषेशज्ञों ने दावा किया है कि लोगों को स्थायी इम्यूनिटी कोरोना के खिलाफ विकसित होगी।
रूस में अंतिम चरण के ट्रायल परिणाम आने से पूर्व ही इस कोरोना वैक्सिन स्पूतनिक-5 की मंजूरी मिल गयी थी। ट्रायल से पहले मंजूरी मिलने से आलोचना का सामना विषेशज्ञों को करना पड़ा था।
स्पूूतनिक-5 वैक्सिन को फेज 3 ट्रायल में 20 हजार लोगों पर किए विश्लेषण में 90 फीसदी से अधिक साकारात्मक असरकारक पाए गए है। लेसेंट के अनुसार, जल्दबाजी, पारदर्शिता के अभाव में इस कोविड-19 वैक्सिन की स्पूतनिक-5 की आलोचना की गयी थी। लेकिन परिणाम से स्पष्ट है कि यह वैक्सिन कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए दुनिया के सामने मौजूद है।
स्पूतनिक-5 के परिणामों को देखते हुए इसे सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन करने वालों माडर्ना, फाइजर बायोनटेक के टीकों के साथ षामिल करते है। जिसकी प्रभावषीलता कोरोना के खिलाफ 90 फीसदी है। रूस की स्पूतनिक-5 के टीके को भारत में परीक्षण किया गया था। भारत में स्पूतनिक-5 का रेड्डी लैबोरेटरी में तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। रेड्डीज लैबोरेट्रीज व रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के बीच समझौता हुआ था।
संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।