मुख्य मंत्री आवास योजना में घपला, विकलांग ने लगाया ग्राम प्रधान पर अवैध वसूली करने का आरोप
औरंगाबाद : मुख्य मंत्री आवास योजना में अधिकारियों कर्मचारियों व जन प्रतिनिधियों की अवैध वसूली और मिलीभगत के चलते अपात्रों को भी योजना का लाभ दे दिया जाता है जबकि बेहद गरीब पात्र लोग ठगे से रह जाते हैं क्योंकि लाभार्थियों की सूची में उनका नाम शामिल ही नहीं होता।
ब्लाक लखावटी अंतर्गत ग्राम चरौरा मुस्तफाबाद निवासी एक विकलांग कैलाश पुत्र रमेश चंद्र ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि विकलांग व आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते उसे मुख्यमंत्री आवास योजना में शामिल कर पहली किस्त जारी कर दी गई थी। ग्राम प्रधान द्वारा बीस हजार रुपए मांगे गए हैं यह कह कर कि यदि बीस हजार रुपए नहीं दिए तो अपात्र घोषित करा दिया जाएगा।
ग्राम प्रधान डौली कश्यप ने बताया कि इस वर्ष मुख्य मंत्री आवास योजना अंतर्गत ग्राम में तीन मकान आये थे। अधिकारियों ने जिन तीन लोगों को पात्र घोषित किया था उनकी जांच पड़ताल हुई जिसमें दो लोग कैलाश और सुनीता को पक्का मकान मौजूद होने और जमीन आदि का मालिक पाये जाने पर अपात्र घोषित कर दिया गया था। डीपीआरओ ने दोनों अपात्रों को तीन बार नोटिस भेज कर प्रथम किस्त की सरकारी धनराशि चालीस हजार रुपए को तत्काल वापस लौटाने के आदेश दिए हैं। एक अपात्र सुनीता ने अपनी किस्त की राशि सरकारी खाते में जमा करा दी है जबकि दूसरे ने अभी तक सरकारी धनराशि को वापस ना लौटा कर ग्राम प्रधान पर झूठा आरोप लगाया है I