आम आदमी को झटका! खाने का तेल हुआ महंगा, सरसों तेल 150 रुपये तक पहुंचा, जानें आगे क्या होगा भाव?

 आम आदमी को झटका! खाने का तेल हुआ महंगा, सरसों तेल 150 रुपये तक पहुंचा, जानें आगे क्या होगा भाव?

 खाने के तेलों की कीमतें (Edible Oil Price hike) लगातार बढ़ती जा रही है. edible Oil में आग लगी हुई है, पिछले 1 साल में दाम 35 फीसदी से लेकर के 95 फीसदी तक बढ़ गए है. इससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. सरसों तेल का भाव 150 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचा गया है. हालांकि, बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. एंपावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (Empowered Group of Ministers) जल्दी ही खाद्य तेल में बढ़ोतरी की समीक्षा करने जा रहा है. इसके बाद हो सकता है आपको खाने का तेल सस्ता पड़ें, फिलहाल आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

Know the benefits of mustard oil or sarson ka tel for your skin, hair and  health | Health Tips and News

जानें, कब घटेंगे दाम?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 1 सालों में खाने के तेल की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला है. 1 साल में कीमतों में करीब 95 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला है. सूत्रों के अनुसार, इस बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार इंपोर्ट ड्यूटी की समीक्षा करेगी जिसको लेकर एंपावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक जल्द होगी. सूत्रों के मुताबिक खाने के तेलों की ड्यूटी में कटौती संभव है. उपभोक्ता मंत्रालय ने फिर से प्रस्ताव भेजा है. इधर सोयाबीन में जोरदार तेजी के बाद अब छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है लेकिन कीमतें रिकॉर्ड स्तर के करीब बनी हुई हैं. इस साल में सोयाबीन में अब तक 40 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. सप्लाई में कमी और चीन की अच्छी मांग से सोयाबीन में रैली बनी हुई है.

Rich In Flavour And Packed With Health Benefits, Mustard Oil Is A Chef's  Delight

जानें, क्या कहते हैं कारोबारी?

थोक कारोबारियों का कहना है कि अब सरसों या रिफाइंड तेल फिलहाल 140 रुपये से नीचे नहीं आने वाला है. पिछले साल 24 मार्च में जब लॉकडाउन लगा था, तो बाजार में सरसों तेल 90-95 रुपये लीटर बिक रहा था. इसके बाद से लगातार दाम 100 और उससे ज्यादा ही रहा है. वहीं, एक अन्य जानकार बताते हैं किसान मंडियों में रोक-रोक कर सरसों को ला रहे हैं, जिसकी मौजूदा समय में अधिक मांग है. सबसे सस्ता होने और मिलावट से मुक्त होने की वजह से लोगों के लिए यह स्वास्थ्यप्रद भी है. वैश्विक मांग में वृद्धि के बीच किसानों को उनकी ऊपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं. सरकार की ओर से समर्थन जारी रहा तो तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना कोई दूर की कौड़ी नहीं रहेगी. बुधवार को अनाज मंडी में चना की दाल 100 रुपये, मसूर की दाल 50 रुपये, मूंग की दाल 100 रुपये, मूंग मोगर 100 रुपये और तुअर (अरहर) की दाल के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी हुई.

Mustard Oil: Dangerous or a Health-Boosting Agent? - Dr. Axe

संबंधित खबर -