24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी समारोह में शामिल होकर अपनी एकता का परिचय दें – उमेश सिंह कुशवाहा

 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी समारोह में शामिल होकर अपनी एकता का परिचय दें – उमेश सिंह कुशवाहा

समस्तीपुर जिला अंतर्गत कल्याणपुर विधानसभा में जनता दल (यू0) की ओर से जननायक कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कल्याणपुर के प्रखंड अध्यक्ष श्री राजकुमार सिंह एवं मंच का संचालन पूसा के प्रखंड अध्यक्ष श्री रणधीर कुमार ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से बिहार विधानसभा के माननीय उपाध्यक्ष श्री महेश्वर हजारी, बिहार सरकार की माननीय परिवहन मंत्री श्रीमती शीला मंडल, पूर्व विधायक श्रीमती मंजू कुमारी, जिला अध्यक्ष डा0 दुर्गेश राय, नगर जिला अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला वर्मा, प्रदेश महासचिव श्री रामनाथ रमन, प्रदेश महासचिव श्री रंजीत सहनी, प्रदेश महासचिव श्री रणविजय कुमार, श्री अशर्फी सहनी, जनाब तकी अनवर, श्री श्याम राय, श्रीमती सीमा शमी, श्री दीपक भगत, श्रीमती राधा देवी, श्री राजीव कुमार, श्रीमती मृदुला राय, डाॅ0 अंजनी कुशवाहा, ई0 रामानंद सिंह, श्री अजीत कुमार, श्री संतोष कुमार, श्री फूल बाबु, मो0 तवरेज आलम, श्री प्रहलाद पटेल, श्री पिंटू सिंह, श्री अशोक कुमार पप्पू, श्री उमर फारूक अब्दुल्ला, श्री रमेश कुमार, श्री बबलू राय, श्री रामविलास राम, श्री सूरज सहनी उपस्थित रहे।

इस दौरान अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है की हमारे राजनीतिक आदर्श कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि समस्तीपुर में मुझे कर्पूरी चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर की मिट्टी से निकलकर कर्पूरी ठाकुर ने देशभर में सामाजिक न्याय के आंदोलन को धार देने का काम किया। अगर आज पूरे देश में सामाजिक न्याय की चर्चा होती है तो इसका श्रेय जननायक कर्पूरी ठाकुर को जाता है। श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर भी कर्पूरी ठाकुर ने अपने नीति-सिद्धांतों के माध्यम से सामाजिक न्याय को चरितार्थ करने का काम किया और आज हमारे नेता श्री नीतीश कुमार उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर सामाजिक न्याय के साथ विकास का आदर्श उदाहरण पेश कर रहे हैं। श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आरक्षण विरोधी ताकतों द्वारा अड़ंगा लगाए जाने के बाद भी हमारे नेता ने बिहार में जातीय गणना करवाया और गणना में प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जनसंख्या हिस्सेदारी के अनुरूप आरक्षण के दायरे को बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।

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