राज्य सरकार एंबुलेंस का किराया तय करें : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 कोरोना को लेकर केंद्र, सरकार द्वारा जारी विभिन्न पहलुओं पर मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने के लिए राज्य सरकार बाध्य है। इनमें कंफर्म एवं संदिग्ध लोगों को ले जाना भी शामिल है। ‘अर्थ’ संस्था द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी दी।
जनहित याचिका में कोरोना के कंफर्म तथा संदिग्ध हो चुके मरीजों से एंबुलेंस संचालकों द्वारा ज्यादा किराया वसूलने की चुनौती दी गयी थी। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि एंबुलेंस का किराया राज्य सरकारों को निर्धारित कर देना चाहिए। शीर्ष अदालत की पीठ जस्टिस अषोक भूषण की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई कर रही थी। केंद्र की ओर से पेष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मानक परिचालन प्रक्रिया स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किया जा चुका है और इसे लागू सभी राज्यों को करना होगा।
पीठ ने कहा सभी राज्यों के लिए एसओपी का पालन करना बाध्यकारी होगा। एंबुलेंस की क्षमता को बढ़ाने के लिए भी उपाय करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एंबुलेंस का किराया राज्य सरकार निर्धारित करे और निर्धारित किराया पर ही अस्पताल एंबुलेंस को उपलब्ध कराएगी।