डीयू खुलने के फर्जी मेसेज से छात्र हुए परेशान, विश्वविद्यालय कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार
विश्वविद्यालय खुलने के फर्जी प्रेस विज्ञप्ति विश्वविद्यालयों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल्ली और दिल्ली के बाहर के छात्रों के लिए भी यह परेशानी का सबब बन रहे हैं।
ऐसे मैसेज वायरल होने के बाद छात्र एक-दूसरे छात्रों को फोन कर पूछ रहे हैं। शिक्षकों और विश्वविद्यालय में कॉल करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ जाती है। जेएनयू और जामिया के खुलने से लेकर अन्य मामलों में इस तरह के फर्जी संदेश वायरल हुए हैं।
22 नवम्बर के आदेश का हवाला देकर लिखी गयी फर्जी विज्ञप्ति
28 दिसंबर को जारी इस फर्जी प्रेस विज्ञप्ति को बड़ी कुशलता से लिखा गया है। इसमें 22 नवंबर के आदेश का हवाला देकर लिखा गया है कि कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने विभागाध्यक्ष, डीन व कॉलेजों के प्रिंसिपल के साथ ऑनलाइन बैठक कर विश्वविद्यालय को फिर से सात जनवरी से खोलने की अनुमति दी है। यही नहीं छात्र नये सेमेस्टर को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
डीयू प्रशासन ने फेक प्रेस विज्ञप्ति का किया खंडन
एक सप्ताह में दूसरी बार नए साल में सात जनवरी को डीयू खुलने का फर्जी प्रेस विज्ञप्ति वायरल हो रहा है। डीयू के रजिस्ट्रार के नाम से जारी इस फर्जी प्रेस विज्ञप्ति का डीयू प्रशासन ने खंडन किया है। ज्ञात हो कि इससे पहले इसी तरह की एक प्रेस विज्ञप्ति डीन एग्जामिनेशन के नाम से वायरल हो रही थी। उसका भी डीयू ने खंडन किया है।
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