सुपौल : संस्कृत विद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार कर रही सरकार

 सुपौल : संस्कृत विद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार कर रही सरकार

बिहार के सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय अंतर्गत चल रहे संस्कृत विद्यालय के साथ सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। शिक्षकों ने बताया की हमलोगों को विद्यालय बनाने और अन्य व्यवस्था के लिए सरकार तरफ से कोई फंड नहीं दिया जाता है।
हालांकि विद्यार्थियों के लिए सभी सुविधाएं दी गई है। लेकिन भवन के लिए या फिर टेबुल, बेंच,के लिए कोई सुविधा नहीं दी गई हैI पदाधिकारीगण नेतागण लोग आते हैं देख कर चले जाते हैं। लेकिन कुछ सुविधा उपलब्ध नहीं कराते हैं।

आपको बता दें बड़े छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए अच्छा घर नहीं है। कुछ घर में कुछ खुले मैदान में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वहीं सरकार द्वारा सरकारी फंड नहीं रहने के कारण अच्छी भवन अच्छी व्यवस्था नहीं है। जिस कारण बच्चों को कई कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। विद्यालय में घेराव नहीं रहने के कारण कुछ लोग अतिक्रमण भी कर लेते हैं। संस्कृत हमारी जननी है। हमारे देश में शुभ कार्य करने से पहले पूजा कराते हैं। जिसमें संस्कृत का उच्चारण कर मंत्रोच्चार का शुभारंभ करते हैं।

आखिर सरकार संस्कृत विद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार क्यों करती है। जिसके कारण हमारे देश में संस्कृति खत्म होती दिख रही है।
वहीं एक विद्यालय की स्थिति कुछ ठीक देखी गई। अब देखना लाज़मी होगा की सुशासन बाबू की सरकार में संस्कृत विद्यालय पर कब तक ध्यान जाती हैं। या फिर हमारे संस्कृत विद्यालय का हाल ऐसा हीं रहेगा। क्या हमारे देश की संस्कृति ऐसे हीं खत्म हो जाएगी।

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