सुप्रीम कोर्ट : केंद्र सरकार कोरोना वायरस के दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन पर विचार करे

 सुप्रीम कोर्ट : केंद्र सरकार कोरोना वायरस के दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन पर विचार करे

देश के शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य की सरकारों से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन पर विचार विमर्ष करने की बात कही है। शीर्ष अदालत ने रविवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम सामूहिक कार्यक्रम और सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करेगें। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कोरोना के दूसरी लहर को रोकने के लिए लोक कल्याण के हित में लॉकडाउन पर विचार कर सकते है।
देश में कोरोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए इस मामले में शीर्ष अदालत ने खुद संज्ञान लेते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के अंतर्गत कोई मरीज के पास आइडी प्रूफ या स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं होने पर भी उसे जरूरी दवाएं एवं अस्पताल में भर्ती करने से इंकार नहीं कर सकते है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कहा कि मरीज के अस्पताल में भर्ती करने के संबंध में केंद्र सरकार दो हफ्ते के भीतर राष्ट्रीय नीति लाएं। केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नीति को सभी राज्य की सरकारों को माननी चाहिए। जबतक केद्र की सरकार द्वारा इस संबंध में नीति नहीं बना ली जाती है तब तक किसी भी मरीज के पास स्थानीय पता प्रमाण पत्र व आइडी प्रुफ नहीं होने की स्थिति में भी अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर निर्देष दिया कि तीन मई की मध्यरात्रि या उससे पहले राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति को ठिक कर लिया जाएं। ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था केंद्र सरकार राज्यों से विचार विमर्ष कर तैयार करें इसके साथ ही ऑक्सीजन का स्टॉक इमरजेंसी प्रयोजनों व आपातकालीन ऑक्सीजन साक्षा करने हेतु जगह डिसेट्रलाइज किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन का कीमतों व वैक्सीन की उपलब्धता एवं संबंधित दवाओं की उपलब्धतार पर केंद्र सरकार को दुबारा विचार करना करने चाहिए। आपको मालूम कि देष की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से बीते कुछ हफ्तों में कई कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।

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