नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमले की सीबीआई जांच से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

 नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमले की सीबीआई जांच से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
Alleged Attack On Mamata Banerjee: Plea In Supreme Court Seeks CBI Probe  Into the Incident & Guidelines To Avoid Future Incidents.

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए हमले की जांच CBI से कराने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को अपनी याचिका वापस ले ली.  CJI एस ए बोबडे ने याचिकाकर्ता से कहा कि हाईकोर्ट जाइए. दरअसल ममता बनर्जी पर हमले का मामला, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. जिस पर CJI ने कहा कि आप पहले हाईकोर्ट जाइए. याचिकाकर्ता का कहना है कि सीबीआई हमले की सच्चाई सामने ला सकती है और इस तरह राजनेताओं द्वारा सहानुभूति के आधार पर वोट पाने को रोक सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में CJI की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

दरअसल शुभम सक्सेना समेत तीन वकीलों ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से 10 मार्च 2021 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हमले की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने की मांग की थी. नंदीग्राम में सीएम ममता बनर्जी पर उस समय हमला हुआ था जब वो नामांकन के लिए जा रही थीं. याचिका में कहा गया था कि देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के मूल सिद्धांत को बनाए रखने के लिए भविष्य में होने वाली ऐसी ही घटनाओं की जांच के लिए गाइडलाइन और दिशा-निर्देश जारी किए जाएं क्योंकि ये  चुनावी मशीनरी को प्रभावित करते हैं. 

West Bengal CID takes over probe into Nandigram incident that led to  Mamata's leg injury - Elections News

याचिका में चुनावी हिंसा पर नजर रखने और अपराधियों को दंडित करने के लिए व्यापक शक्ति के साथ अस्थायी निकाय के गठन और चुनाव हिंसा के लिए बढ़ी हुई सजा के दिशा-निर्देश भी मांगे गए थे. याचिकाकर्ता के मुताबिक  सीबीआई को सीएम को घायल करने वाली घटना की जांच करनी चाहिए क्योंकि न केवल यह एक ऐसी घटना थी जिसे संवैधानिक अधिकारी के खिलाफ हमले के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, बल्कि यह मतदाता विश्वास को भी प्रभावित करेगा. 

इसमें कहा गया था कि ममता बनर्जी ने खुद दावा किया है कि जनता की मौजूदगी में 4-5 लोगों ने उनके साथ धक्कामुक्की की. जो, निश्चित रूप से एक साजिश थी, क्योंकि इतनी बड़ी सार्वजनिक सभा में कोई पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था
, इसके अलावा, चुनाव आयोग को भी निशाना बनाया गया था जिसके कारण यह घटना हुई. 

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