सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर केंद्र को फटकार लगाई, कडे़ फैसले लेने पर मजबूर न करें
देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हमें कड़े फैसले लेने के लिए हमें मजबूर न करें। ऑक्सीजन की सप्लाई 700 मीट्रिक टन की सप्लाई दिल्ली के लिए कही गयी है। कोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा बताया गया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
उच्चमतम न्यायलय द्वारा केंद्र सरकार को कहा गया था कि राजधानी दिल्ली के लिए रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिष्चित किया जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई 700 मीट्रिक टन तब तक जारी रहेगी जब तक आदेश में कोई बदलाव या आदेश की समीक्षा नहीं की जाती है।
केंंद्र सरकार की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट ने कहा कि हमें कड़े फैसले लेने पर मजबूर न करें। वे प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिष्चित करने के लिए अधिकारियों को आदेश दे।
इससे पूर्व शीर्ष अदालत ने गुरूवार को कहा था कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों के ईलाज के लिए रोजाना सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिष्चित करना चाहिए।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से आगे कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन आबंटन किस तरह से किया जा रहा है यह देश को बताना चाहिए।
राजधानी दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की केंद्र सरकार से मांग की है। सीएम ने कहा कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी तो वे सुनिष्चित करेगें कि ऑक्सीजन की वजह से दिल्ली में किसी मरीज की मौत न हो।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमें अगर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन केंद्र सरकार द्वारा मुहैया की जाती है तो दिल्ली में 9000 से 9500 तक की बेड की व्यवस्था हम कर पाएंगें।
सीएम ने लोगों को भरोसा दिलाया कि दिल्ली को सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाने से किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं होगी। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।