सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार व आरबीआई ने किस्त भुगतान पर दो साल रोक लगाने की अपील
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार व आरबीआई ने मंगलवार को सूचित किया कि कोविड-19 कोरोना महामारी के मद्देनजर कर्ज वापसी पर घोषित स्थगन अवधि दो साल तक बढ़ाई जा सकती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार ने केंद्र और आरबीआई की ओर से जस्टिस अषोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि कोविड-19 कोरोना महामारी के कारण मुष्किल का सामना कर रहे क्षेत्रों और 23 प्रतिषत के आर्थिक संकुचन से उबरने के लिए कई कदम उठाये जा रहे है।
जस्टिस अषोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इन याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगी। जिसमें लॉकडाउन में रिजर्व द्वारा ऋण की किस्तों में देरी के लिए घोषित स्थगन अविध के लिए व्याज का मुद्दा उठाया है। सरकार ने कहा कि इस पर रिजर्व बैंक, बैंक एसोसिएषन और सरकार विचार कर हल जल्द निकाल लिया जायेगा। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आरबीआई और केंद्र सरकार से स्थगन अवधि के कारण किस्त देने में हुई देरी की अवधि के लिए ब्याज वसूलने के फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा था।
इससे पहले कोविड-19 कोरोना महामारी के कारण पर्सनल लोन, होम लोन की किस्त चुकाने पर रिजर्व बैंक द्वारा मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक स्थगन की सुविधा दी गयी थी। जो अब खत्म हो गयी है।
मंगलवार को वैष्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बताया कि भारत उभरते बाजारों में वर्ष 2021 तक सबसे अधिक कर्ज बोझ वाली अर्थव्यवस्था में शामिल होगा। कर्ज बोझ बढ़े प्राथमिक घाटे की वजह से 2019 के मुकाबले 2021 तक प्रतिषत 10 अंक तक बढ़ जाएगा। संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।