ये छठ है। ये हठ है। तमाम पाखंडों से दूर प्रकृति से जुड़ने की हठ है। नदी में घुलने की हठ है। रवि के साथ जीने की हठ है। रवि का साथ देने की हठ है। कौन कहता है कि जो डूब गया सो छूट गया। कौन कहता है कि जो अस्त हो गया वो […]Read More
ये छठ है। ये हठ है। तमाम पाखंडों से दूर प्रकृति से जुड़ने की हठ है। नदी में घुलने की हठ है। रवि के साथ जीने की हठ है। रवि का साथ देने की हठ है। कौन कहता है कि जो डूब गया सो छूट गया। कौन कहता है कि जो अस्त हो गया वो […]Read More