सांस्कृतिक मूल्यों के विकास एवं विस्तार के लिए शिक्षा महत्त्वपूर्ण माध्यम है, जिसके जरिए मानव अपने अनुभूतिजन्य अनुभवों को समाज एवं उसकी नई पीढ़ी में संचारित करता है। ऋषि-मुनि जो शिक्षा देते थे, वह उनका समग्र ज्ञान था। वे संस्कृति के रक्षकों का निर्माण करते थे। कर्म से लेकर धर्म तक, नैतिक शिक्षा से चरित्र […]Read More