फूल ऐसे है महकता अब तकवो किताबों में कभी हो जैसे: रेणु हुसैन पटना, 29 मार्च शाख़ शजर की गुल भँवरे की जैसी तुझसे निस्बत है ये सब तुझको मैं बतला दूँ ऐसा सोचा करती हूँ गजल और शायरी का कुछ ऐसा ही मेल आज राजधानी के बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में दिखा। देश की […]Read More