प्रेरक कहानियाँ
साहित्य सम्मेलन में बाबा नागार्जुन जयंती एवं लेखिका डा पूनम आनन्द के “ एक से एकइस”भोजपुरी कहानी संग्रह का लोकार्पण
नागार्जुन एक जीवंत कवि थे। स्वयं में ही एक संपूर्ण काव्य । यह उनको देख कर ही समझा जा सकता था। संतकवि कबीर की तरह अखंड और फक्कड़! खादी की मोटी धोती और गंजीनुमा कुर्ता! वह भी मोटे खादी का। बेतरतीब बिखरे बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी और उसमें भी छोटा क़द ! यह सबकुछ उन्हें […]Read More