इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले,श्री साई साई कहते फिर प्राण तन से निकले,इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले शिरडी पूरी अस्थल हो गोदावरी का तट हो,साई चरण का जल हो मेरे मुख में तुलसी दल हो,सन्मुख मेरा साई खड़ा हो जब प्राण तन से निकले,इतना तो साई करना […]Read More