Tags : Mardava is the destruction of the sense of ego.

प्रेरक कहानियाँ

अहंकार का भाव नष्ट हो जाना ही मार्दव है

दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन वृहस्पतिवार को कदम कुआं स्थित पाटलिपुत्र दिगंबर जैन समिति परिसर में भोपाल से आये पंडित प्रकाश चंद्र जैन शास्त्री ने बताया कि उत्तम मार्दव जिसका अर्थ कोमलता से है या यूं कहा जाय तो हमारे अंदर मधु मधुरता का भाव को कोमलता या विनम्रता अर्थात विनय का भाव आता है, […]Read More