भगवती का छठा स्वरुप कात्यायनी के नाम से विख्यात है| कथा यह है कि कत नाम के एक ऋषि हुआ करते थे| उनके कात्य नाम के पुत्र हुए थे| इन्हीं कात्य के गोत्र में महर्षि कात्यायन हुए थे| महर्षि कात्य ने वर्षों तक भगवती की कठोर तपस्या की थी| वह भगवती के उनके घर में […]Read More