जमाने में कहाँ टूटी हुई तस्वीर बनती हैतेरे दरबार में बिगड़ी हुई तकदीर बनती है तारीफ़ तेरी निकली है दिल सेआई है लब पे बनके कव्वाली शिरडीवाले साईंबाबा,आया है तेरे दर पे सवाली लब पे दुआयें, आँखों में आँसू,दिल में उम्मीदें, पर झोली खाली शिर्डीवाले साईंबाबा,आया है तेरे दर पे सवालीशिर्डीवाले साईंबाबा,आया है तेरे दर […]Read More