औरंगाबाद : ये इनायतें गजब की, ये बला की मेहरबानी/ मेरी खैरियत भी पूछी, किसी और की जबानी/ मेरा गम रुला चुका है, तुझे बिखरी जुल्फ वाले/ ये घटा बता रही है, कि बरस चुका है पानी। देश के प्रसिद्ध शायर नजीर बनारसी की इस बेहद मकबूल गजल को जब बिहार के जाने-माने गायक तथा […]Read More