“बात करती शिलाएं” कवयित्री, प्राध्यापिका, संगीत में रची बसी डॉ नीलम श्रीवास्तव जी का गीत संग्रह मेरे हाथों में है।प्रायः पारंपरिक शैली में रचे गए इन गीतों को पढ़ते हुए अनायास ही अधरों पर गुनगुनाहट उभर आती है।“बात करती हैं शिलाएं, मुस्कुराती हैं दिशाएंप्रीत के संगीत पर जब, नृत्य करती कामनाएं”ऐसी पंक्तियों को पढ़ते हुए […]Read More